- टेंशन की वजह से होता है माइग्रेन
- इसमें आमतौर पर सिर के आधे हिस्से में होता है तेज दर्द
- कभी-कभी तेज दर्द के कारण रोगी को हो जाती है उल्टी
भागती-दौड़ती जिंदगी के चलते हमें तमाम मानसिक तनाव झेलने पड़ते हैं। इस वजह से हम न जानें कितनी बीमारियों से भी ग्रस्त हो जाते हैं। इन दिनों माइग्रेन एक आम समस्या बनती जा रही है। माइग्रेन एक ऐसा सिर दर्द है, जो हिलाकर रख देता है। कई बार लोगों को पता ही नहीं होता कि उनके सिर में बार-बार जो तेज दर्द उभरता है, वो दरअसल है क्या। लोग इसे गैस, टेंशन या थकावट से पैदा हुआ दर्द मानकर हल्का-फुल्का इलाज करते रहते हैं और इतने समय में यह एक बीमारी की शक्ल ले लेता है।
माइग्रेन में आमतौर पर रोगी के सिर के आधे हिस्सेक में तेज दर्द होता है। इसे हम आधकपारी भी कहते हैं। कभी-कभी दर्द इतना तेज होता है कि रोगी को उल्टी तक हो जाती है। आमतौर पर देखा गया है कि जिन लोगों को माइग्रेन होता है, उन्हें साइनोसाइटिस की दिक्करत भी होती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि माइग्रेन टेंशन की वजह से होता है। किसी भी रोग को ठीक करने के लिए दवाइयों की कमी नहीं है, लेकिन कई रोगों में घरेलू उपचार काफी कारगर साबित होते हैं। आइये आपको बताते हैं माइग्रेन का दर्द दूर करने और उससे बचे रहने के घरेलू इलाज।
10 घरेलू नुस्खे
– गाय के शुद्ध घी की दो चार बूंदें सुबह-शाम नाक में डालने से आराम मिलता है। ध्यागन रखें घी ताजा हो।
– दही, चावल और मिश्री मिलाकर सूरज निकलने से पहले खा लेने से उस सिरदर्द में आराम मिलता है, जो सूरज के साथ बढ़ता और घटता है। दिन में भी दही, चावल खाने से इस रोग में राहत मिलती है।
– माइग्रेन में अणु तैल नामक औषधि बहुत लाभकारी है। यह औषधीय तेल तिल के तेल और बकरी के दूध के साथ 26 औषधियों-वनस्पतियों को पकाकर तैयार किया जाता है। इस तेल की 10-20 बूंदें नाक में डालकर जोर से खींचना चाहिए। इस तेल के प्रयोग से किसी प्रकार का कोई नकारात्मबक प्रभाव नहीं पड़ता।
– सूरज उगने से पहले नारियल और गुड़ के साथ छोटे चने के बराबर कपूर मिलाकर तीन दिन तक खाएं। इससे माइग्रेन का दर्द चला जाएगा।
– लौंग के चार-पांच दाने पीसकर तवे पर हल्का सा गर्म करें और उसे सिर पर लगा लें। इससे दर्द से राहत मिलती है। लौंग न हो तो बड़ी इलाइची का छिलका पीसकर उसे हल्का गर्म करके भी सिर पर लगा सकते हैं।
– नींबू को छिलके समेत पीसकर उसका पेस्टग बना लें और सिर पर लगायें। इससे बड़ी राहत मिलती है।
– केसर की कुछ पत्तियां थोड़े से घी में डालकर पत्थीर पर पीसें और सूंघें।
– माइग्रेन का इलाज करने में गाजर और पालक का जूस बहुत कारगर साबित होता है। 200 एमएल पालक का जूस और 300 एमएल गाजर का जूस मिलाकर पियें। आप चुकंदर और खीरे का जूस भी पी सकते हैं। 300 एमएल गाजर के जूस में 100 एमल चुकंदर और 100 एमएल खीरे का जूस मिलाकर पीने से काफी राहत मिलेगी।
– माइग्रेन से लड़ने में अंगूर का जूस बड़ा काम करता है। इसके पीछे एक कहानी भी है। कहते हैं कि परशिया के राजा किंग जमशेद को अंगूरों का बहुत शौक था। उसने एक बार अंगूर का ढेर सारा जूस बनवाया और बोतलों में भरवाकर रखवा दिया। सभी में ये बात फैला दी कि इन बोतलों में कोई जहरीली चीज है। एक बार राजा की बीवी भयंकर सिरदर्द झेल रही थीं और किसी इलाज से उन्हें राहत नहीं मिल पा रही थी।
सिरदर्द की लंबी बीमारी से परेशान होकर उन्होंने खुद का जीवन खत्म करने की ठानी और जहर समझकर अंगूर का जूस पी लिया। उनकी मौत तो नहीं हुई, बल्कि दर्द से राहत मिलने लगी। उन्होंने कई बार बोतलों में भरा जूस पिया। इससे उन्हें बहुत आराम हुआ, तब राजा ने बताया कि यह जहर नहीं, बल्कि अंगूर का जूस है।
– इस बात का पता लगाने की कोशिश करें कि ऐसा कौन सा मौका होता है, जब दर्द होना शुरू होता है। माइग्रेन का दर्द कई वजहों से शुरू होता है जैसे गुस्सा, तेज लाइट, तेज म्यूजिक या कोई भी ऐसी बात जो दर्द का ट्रिगर बनती है, उसकी पहचान करें और उससे बचे रहने की योजना पर काम करें।