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Insomnia (अनिद्रा)

अनिद्रा से बचने के लिए कुछ लोग नींद की गोलियों को सहारा लेते हैं लेकिन इसके बहुत से साइड इफेक्‍ट होते है। इसलिए इस समस्‍या से बचने के लिए प्राकृतिक उपायों का सहारा लेना सहीं रहता है। आइए ऐसे ही कुछ प्राकृतिक उपायों के बारे में जानें।

अनिद्रा के लिए प्राकृतिक उपाय

अनिद्रा के कारण आपको दिनभर सिर भारी रहना, उबासियां आना, किसी भी काम में मन न लगना आदि समस्‍याओं से गुजरना पड़ता है। इसलिए आमतौर पर अनिद्रा से पी‍ड़‍ित लोग नींद की गोलियों को सहारा लेते हैं लेकिन इसके बहुत से साइड इफेक्‍ट भी है। इसलिए इन सब से बचने के लिए वैज्ञानिक शोध के अनुसार, अनिद्रा का कुछ प्रभावी हर्बल उपायों द्धारा इलाज किया जा सकता है। इसमें से कुछ इस प्रकार हैं।

लैवेंडर

पारंपरिक चिकित्‍सकों द्वारा अनिद्रा के इलाज के लिए लैवेंडर का इस्‍तेमाल किया जाता था, लेकिन हाल ही के वर्षों में क्लीनिकल रिसर्च में हुए अध्‍ययन में भी यहीं माना कि लैवेंडर स्‍लीप डिसआर्डर के इलाज के लिए बहुत फायदेमंद है। इसके अलावा एसोसिएटेड स्‍लीप सोसायटी द्वारा किए गए निष्कर्ष के अनुसार, लैवेंडर के तेल अनिद्रा से राहत का एक प्रभावी साधन हो सकता है, विशेष रूप से महिलाओं और युवा लोगों में।

शहद

अनिद्रा की समस्‍या से बचने का दूध व शहद का सेवन करना बहुत ही पुराना तरीका है। दूध व शहद इन्सुलिन के स्त्राव को नियंत्रित करता है जिससे ट्रिप्टोफेन का सही मात्रा में मस्तिष्क में स्त्राव होता है। ट्रिप्टोफेन सिरोटोनिन में बदल जाता है और सिरटोनिन, मेलेटोनिन में परिवर्तित होकर मस्तिष्‍क को आराम पहुंचता है जिससे अनिद्रा की समस्या दूर होती है।

ब्राह्मी

ब्राह्मी का इस्‍तेमाल आमतौर पर मस्तिष्‍क के लिए किया जाता है। यह मस्तिष्क के लिए एक पौष्टिक टॉनिक तो है ही साथ ही यह मस्तिष्क को शान्ति भी देता है। लगातार मानसिक कार्य करने से थकान के कारण जब व्यक्ति को अनिद्रा की समस्‍या होती है तो ब्राह्मी का आश्चर्यजनक असर देखने को मिलता है। जटामांसी मस्तिष्क और नाड़ियों के रोगों के लिए ये राम बाण औषधि है, ये धीमे लेकिन प्रभावशाली ढंग से काम करती है। अनिद्रा की समस्‍या होने पर सोने से एक घंटा पहले एक चम्‍मच जटामांसी की जड़ का चूर्ण ताजे पानी के साथ लेने से लाभ होता है।

शंखपुष्पी

जड़ी-बूटियों में शंखपुष्पी एक अत्यंत गुणकारी तथा विशेष रूप से मस्तिष्क तथा नाड़ियों को शक्ति देने वाली औषधि है। इसके फूल शंख की आकृति के होते हैं, इसलिए इसे शंखपुष्पी कहते हैं। शंखपुष्पी को शक्तिशाली मस्तिष्क टॉनिक, प्राकृतिक स्मृति उत्तेजक, और एक अच्छी तनाव दूर करने की औषधी के रूप मे माना जाता है। अनिद्रा की समस्‍या होने पर इसकी पत्तियों का चूर्ण जीरा और दूध के साथ मिश्रित करके लेने से लाभ होता है।

अश्वगंधा

अश्वगंधा की जड़, पत्तियां और तना सभी बहुत स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक होते है। यह एक अच्छा वातशामक भी है। अच्छा वातशामक होने के कारण यह थकान का निवारण भी करता है और थकान दूर होने से नींद अच्‍छी आती है। अनिद्रा की समस्‍या होने पर सर्पगंधा, अश्वगंधा और भांग तीनों को बराबर मात्रा में ले लीजिए। इसको पीसकर चूर्ण बना लीजिए। रात में सोते वक्त 3-5 ग्राम मात्रा में यह चूर्ण पानी के साथ लेने से अच्छी नींद आती है।

अलसी

अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन, फाइबर, लिगनेन, विटामिन बी, सेलेनियम, पोटेशियम, मैगनीशियम, जिंक आदि होते हैं। अलसी को फीलगुड फूड माना जाता है, क्योंकि अलसी से मन प्रसन्न रहता है, इसलिए इसे अनिद्रा की समस्‍या के लिए भी लाभकारी कहा जाता है। कासे की थाली में अलसी और एरण्‍ड के बीज का तेल घिसकर आंखों पर लेप करने से अनिद्रा की समस्‍या दूर हो जाती है।

सौंफ

सौंफ में कैल्शियम, सोडियम, आयरन, पोटैशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को सेहतमंद रखते हैं। जिन लोगों को अनिद्रा की समस्‍या है उन लोगों के लिए सौंफ बहुत फायदेमंद होती है। नींद न आने पर और हर समय सुस्‍ती रहने पर 10 ग्राम सौंफ को आधा लीटर पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाएं तो थोड़ा सा नमक मिलाकर सुबह-शाम पीने से समस्‍या दूर हो जाती है।

तुलसी

तुलसी एक ऐसा पौधा है जो कई तरह के अद्भुत औषधिय गुणों से भरपूर होता है। तुलसी अनिद्रा की समस्‍या में भी बहुत फायदेमंद होती है। नींद न आने पर तुलसी के पांच पत्तों को खाने और रात को सोते समय तकिए के आस-पास फैलाकर रखने से इसकी सुगंध से नींद आने लगती है।

अजवायन

अजवायन में स्वास्थ्य, सौंदर्य, सुगंध तथा ऊर्जा प्रदान करने वाले तत्व होते हैं। पकवान का स्वाद बढ़ने के साथ-साथ पेट संबंधी अनेक रोगों जैसे वायु विकार, कृमि, अपच, कब्ज आदि को ठीक करने में मदद करता है। इसके अलावा इसका इस्‍तेमाल अनिद्रा की समस्‍या को दूर करने के लिए भी किया जाता है। नींद न आने पर लगभग आधा चम्‍मच अजवायन सुबह-शाम लेने से समस्‍या दूर हो जाती है।

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