प्राचीन वैदिक चिकित्सा वेलनेस न्यूरोथेरेपी के बिना देश के आरोग्य व आजीविका का सपना अधूरा है – प्रह्लाद पटेल
वेलनेस न्यूरोथेरेपी चिकित्सा के बिना आज देश के आरोग्य व आजीविका का सपना अधूरा है, इनके प्रसार एवं प्रचार से ही ला-इलाज रोगियों को संजीवनी व करोड़ों लोगों के रोजगार का समाधान हो सकेगा। आज आरोग्य पीठ के द्वारा कांस्टीट्यूशन क्लब, रफ़ी मार्ग दिल्ली में आयोजित वेलनेस न्यूरोथेरेपी के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री श्रीमान प्रह्लाद पटेल ने कहा । छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा – भारत महान ऋषियों की परम्परा का देश है। हमारे पूर्वजों ने समय-समय पर आरोग्य एवं मानव कल्याण के अचूक उपाय खोज कर समाज को दिए। ये प्राचीन उपाय व पद्धतियाँ बहुत सरल, प्रभावी, निरापद व देश की वर्तमान आवश्यकता हैं। साथ ही उन्होनें कहा वैदिक विज्ञान को आधुनिक रूप में प्रस्तुत करना, उनपर अनुसंधान करना, उसमें युवक-युवतियों को प्रशिक्षित करना तथा उसे आगे बढ़ाना, ये हमारा बड़ा दायित्व है। हमारे देश की 70% से अधिक आबादी गाँव में रहती है और आधी से अधिक आबादी गरीबी की रेखा से नीचे जीवन जीती है। शहरों की तो बात ही अलग है, आज हर घर में बीमारी है । ऐसे में रोगियों को कम समय में पूर्ण व अधिक लाभ कैसे मिले, इस ओर हमें अधिक ध्यान देना चाहिए। आरोग्य पीठ के कार्य की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं को इस पद्धति में प्रशिक्षित करना एक अच्छा कदम है, जिसे जारी रखना चाहिए।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि रहे श्री श्याम जाजू पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भा.ज.पा ने कहा – वेलनेस न्यूरोथेरेपी आज भारत के लिए आवश्यकता बन चुकी है । करोड़ों बेरोजगारों को बिना किसी अतिरिक्त निवेश के भारत के किसी भी छोटे से छोटे गाँव तक में आजीविका का साधन मिला है। 10वी पास भी इसे सीखकर घर बैठे अपनी आजीविका चला सकता है।
कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि पांचजन्य के संपादक आदरणीय श्री हितेश शंकर जी ने कहा है कि अब वैदिक परंपराओं का युग पुनः प्रारम्भ हो चुका है। पांचजन्य अपने प्रारंभ से ही निर्भीक पत्रकारिता के रूप में भारतीय प्राचीन वेदिक जीवन मूल्यों की रक्षा एवं उनके प्रचार प्रसार के लिए जाना जाता है । आरोग्य के क्षेत्र में भारत की समृद्ध परंपरा रही है। योग आयुर्वेद सहित अनेक पारंपरिक चिकित्सा ही भारत की जीवन पद्धति का अंग रही है। न्यूरोथेरेपी भी एक भारतीय पारंपरिक व वैदिक चिकित्सा पद्धति है। आरोग्य पीठ ने इस विज्ञान के संरक्षण एवं समर्थन के लिए अभूतपूर्व कार्य किया है । भारत के राष्ट्रपति भवन में चिकित्सा सेवा देकर एवं इस हुनर को रोज़गार के अवसर के रूप में युवाओं को आकर्षित करने के लिए भारत सरकार के कौशल विकास मंत्रालय द्वारा इसकी मान्यता कराना अपने आप में ही एक अभूतपूर्व एवं अद्भुत कार्य है। पांचजन्य परिवार आरोग्य पीठ के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में लिए गए अर्पण अभियान में लोगों के आरोग्य एवं आजीविका के प्रयासों को सराहता है ।
कार्यक्रम के आयोजक व राष्ट्रपति भवंन के पूर्व न्यूरोथेरेपी सलाहकार आचार्य राम गोपाल दीक्षित ने सभी का अभिनंदन करते हुए कहा कि सफल आरोग्य के लिए आज विश्व भारत की ओर देख रहा है । आज हमें यह अवसर नहीं चूकना चाहिए । उन्होंने कहा कि आरोग्यपीठ ने न्यूरोथेरेपी को सिखाने के लिए क्रांतिकारी प्रयास किया है। आज आरोग्य पीठ के डिजिटल गुरुकुल के माध्यम से दुनिया के किसी भी कोने में बैठा व्यक्ति बड़ी सरलता पूर्वक न्यूरोथेरेपी सीख कर लोगों को आरोग्य दे रहा है। उन्होंने सभी को आह्वान करते हुए कहा कि हम सभी के प्रयास से बहुत शीघ्र न्यूरोथेरेपी हर घर की बीमारी व बेरोज़गारी का समाधान बनेगी। उन्होंने कहा कि आरोग्य पीठ के एकल आरोग्य केंद्र आज देश के 26 राज्यों में प्रारम्भ हो गए है। बहुत शीघ्र ही आरोग्यपीठ का पारम्परिक चिकित्सा उपचार प्रशिक्षण व अनुसंधान केंद्र का मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे के पास निर्माण होने जा रहा है। उन्होंने समाज से आह्वान किया कि पारम्परिक चिकित्साओं को अपना कर इनके संरक्षण व संवर्धन में तन, मन, धनपूर्वक खुल कर योगदान करें।