संगठित एवं सबल हिन्दू ही साउथ अफ़्रीका को समृद्ध बना सकते हैं – स्वामी विज्ञानानंद
बिना स्वास्थ्य के समृद्धि किस काम की – आचार्य राम गोपाल दीक्षित
साउथ अफ़्रीका के संगठित हिंदू युवा है
संगठित एवं सबल हिन्दू ही साउथ अफ़्रीका को समृद्ध बना सकते हैं यह बात 2 दिवसीय साउथ अफ़्रीकन राष्ट्रीय हिंदू कॉन्फ़्रेंस में विश्व हिन्दु परिषद के विश्व विभाग के प्रमुख एवं केंद्रीय महासचिव पूज्य स्वामी विज्ञानानंद जी ने कही। 9 एवं 10 November 2024 को साउथ अफ़्रीका के डरबन में आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए। स्वामी जी ने कहा कि आज हमें स्थानीय स्तर पर समाज जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रो-एक्टिव होने की आवश्यकता है ।स्वामि जी ने कहा स्थानीय स्तर पर अधिक संख्या में होने के बावजूद भी हम राजनीतिक एवं पुलिस व प्रशासनिक स्तर पर प्रभाव में बहुत पीछे दिखाई देते हैं ।जिस के कारण अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है । उन्होंने कहा कि अगर स्थानीय स्तर पर राजनीतिक सक्रियता एवं नेतृत्व से आप न सिर्फ़ सशक्त होंगे अपितु राष्ट्रीय नीति निर्धारण एवं धर्म की रक्षा में समर्थ होंगे।स्वामी जी ने कहा आज बिना अर्थ के किसी को धर्म समझाना या धर्म की रक्षा करना कठिन है। हिंदू इकनॉमिक फ़ोरम की चर्चा करते हुए स्वामी जी ने कहा कि हमें धर्म आधारित अर्थ संवर्धन के विषय पर सुनियोजित कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वेरोजगारी सदा शारीरिक एवं मानसिक बीमारी लाती है ।अधिकतम उन्हीं लोगों को विधर्मी लोग प्रलोभन दे कर उनका धर्म परिवर्तित कर लेते है । युवाओं को योग आयुर्वेद न्यूरोथेरेपी की स्किल शिखा कर समृद्ध बनाना है अपितु सेवा के लिए प्रेरित करना है। हिंदू इकनॉमिक फ़ोरम हिंदुओं को शक्तिशाली एवं संगठित हो कर देश एवं दुनियाँ में अपने प्रभाव से हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा करने के लिए कार्य करेगा।अपने उद्वोधन में स्वामी जी ने कहा कि शिक्षित होना और अपने संस्कारों के साथ युगानुकूल शिक्षित होना आज हिंदू समाज की आवश्यकता है। शिक्षित हो कर समाज में हम अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं अपितु दुनियाँ को समझने एवं उसे सही दिशा देने का कार्य भी करते है। ऐसा शिक्षित, समृद्ध एवं संगठित हिन्दू समाज दुनियाँ में सशक्त रूप से खड़ा होगा तभी दुनियाँ में शांति एवं समृद्धि आयेगी।
कॉन्फ़्रेंस में पूरे साउथ एरिका से आये विभिन्न संगठनों एवं समाज के प्रवुद्ध हिंदू महानुभावों ने हिंदू समाज के शिक्षा, वाणिज्य, महिला नेतृत्व सशक्तिकरण, राजनीतिक एवं प्रशासनिक सक्रियता, सेवा एवं संगठित हिंदू विषयों पर अपने अपने विचार रखे।
भारत दिल्ली से आये आरोग्य पीठ के संस्थापक एवं भारतीय अर्धनारीश्वर चिकित्सा वैलनेस न्युरोथेरेपी के मर्मज्ञ आचार्य राम गोपाल दीक्षित ने कॉन्फ़्रेंस के दोनों दिन अपने शेषन में न सिर्फ़ स्वस्थ रहने के संबंध में बताया अपितु अर्धनारीश्वर चिकित्सा वैलनेस न्युरोथेरेपी के माध्यम से मंच पर ही कॉन्फ़्रेंस
में आये हुए महानुभावों को उपचार देकर इस के चमत्कारिक परिणामों से अवगत कराया । आचार्य जी ने कहा कि बिना अच्छे स्वास्थ्य के समृद्धि अधूरी है । उन्होंने कहा कि कोविड 19 ने हमें जो दिखाया है उस का समाधान हमारे पूर्वज हज़ारों वर्षों से बता रहे थे “सच्चा सुख निरोगी काया “ । उन्होंने अर्धनारीश्वर चिकित्सा वैलनेस न्यूरोथैरेपी स्किल सीख कर अपने स्वास्थ्य एवं समृद्धि दोनों प्राप्त करने वाले हज़ारों युवकों के संबंध में भी बताया ।
कार्यक्रम में सभी को प्रेरणा देनेवाली हिंदू योद्धा एवं उनके पराक्रम पर आधारित वीडियो फ़िल्म दिखाई साथ ही हिंदू युवकों के संगठित एवं सशक्त होने वाले कमजोर एवं मज़बूत लड्डू के उदाहरण वाले संदेश वीडियो भी दिखाए ।
सेमिनार का शुभारंभ पूज्य स्वामी विज्ञानानंद जी के द्वारा शंख ध्वनि, साउथ अफ़्रीका पुजारी की प्रार्थना, भगवा ध्वजारोहण के साथ स्वामी जी, आचार्य राम गोपाल दीक्षित जी साउथ अफ़्रीका विश्वहिन्दु परिषद के अध्यक्ष श्री अजेन रूपलाल एवं मंच पर विराजमान महानुभावीं ने दीप प्रज्वलन द्वारा किया। कार्यक्रम में 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।